आदरणीय नारंगी देवी जी मीना समाज की एक विभूति थी परंतु इनके द्वारा एक बंगाली से अंतर जातिय विवाह करने के कारण समाज मे इनके कार्यो की चर्चा बहुत कम की जाती थी इस कारण इनका नाम और कार्य धूमिल हो गया । अंतर्जातिय विवाह प्रसंग को कोई किसी रूप मे स्वीकार करे मेरा उद्देश्य इनके स्वतंत्रता सेनानी होने के कारण इनसे आजादी के आंदोलन में समाज के योगदान की वृद्वि होती है इस कारण इतिहासिक दृष्टिकोण से इनके संबंध में जानकारी शेयर कर रहा हू ।
नारंगी देवी जी का जन्म 3 जून 1923 को जयपुर में नाटाणीयो के बाग में हुआ । इनके दादा और पिताजी ने जयगढ में पहरेदारी का कार्य किया ।इनके पिताजी गोविंद राम जी को तीन रूपया मासिक बेतन मिलता था ।प्रगतिशील विचार धारा के होने के कारण नांरगी देवी को पढने भेजा ।कक्षा मे विशेष योग्यता से पास होने पर जलेबी चोक में जंग बहादुर ने पांच रूपये वार्षिक स्कोलर.शिप दी इस कारण पढाई में परेशानी कम हुई ।
नारंगी देवी ने मैट्रिक ,बी ए .बी.एड ,एम .एड वनस्थली विधापीठ से की । आपके गुरू अर्जुन लाल सेठी ,हंसराय ,हीरा लाल शास्त्री ,,रमाबाई देश पांडे ,गोकुल भाई भट्ट थे ।
सन 1942 में महाराजा गर्ल्स स्कूल में अपनी सहेलियो के साथ तिरंगा झंडा फैलाया इसकी सजा कोतवाली के सामने 15 बैतो की मिली ।जरायम पेशा कानून को अन्याय पूर्ण मानती थी इस कारण अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ हो गई तथा आजादी के आंदोलन से प्रभावित हुई ।आंदोलनो के समय दीवारो पर पैम्पलेट चिपकाने का कार्य किया ।आंदोलनो मे भाग लेने के लिए लाहोर तक गयी ।
माणिक लाल वर्मा के आदिवासी कार्यक्रम को सक्रिय यौगदान हेतु आपने हाडोती अंचल में आदिवासी कन्यादाह आश्रम का 20 वर्ष तक शिक्षण संचालन किया ।
आप आजादी के बाद नगरपालिका कोटा ,जिला परिषद ,हरिजन सेवक संघ ,आदिम जाति सेवक संघ , खादी बोर्ड ,समाज कल्याण विभाग ,भारतेन्दु समिति ,विवेकानंद समिति ,प्रगतिशील किसान प्रकोष्ठ , हाडोती सेवक संघ ,वृद्व असहाय सेवक संघ ,प्रोढ शाला समिति ,सर्वोदय की सदस्य रही ।
सन 1977-1980 में किसनगंज से एम .एल .ए .का चुनाव लडा और जीती अतः 1977-1980 के दोरान विधान सभा की सदस्य रही ।
सन 1944 मे नारंगी देवी B.A पास कर लिया मीना जाति में उस समय अविवाहित पढे लिखे लडको का अभाव था इनके पिताजी परेशान थे झरवाल जी ने मिडिल फेल आदरणीय कालाबादल जी से रिश्ता करने का सुझाव दिया गोविंद राम ज सहमत हो गए परंतु झरवाल जी कालाबादल जी को नारंगी देवी को दिखाने घर ले गए तब नारंगी देवी ने सहमति दे दी कालाबादल जी चुपचाप बैठे रहे तब नारंगी देवी जी ने कालाबादल जी से कहा कुछ मुंह से तो बौलो संकोच किस बात का कालाबादल जी ने जवाब दो पंक्ति के कवित्त मे दिया
बीबी बी.ए पास मिया मिडिल में फेल ।
ऐसी जोरू कसम को राम मिलाए मेल ।।
इस वाक्य को सुनकर नारंगी देवी जी हक्की बक्की हो गयी और कहा मुझे क्या समझ रखा है।
डा .प्रहलाद सिंह मीना ।
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