मंगलवार, 25 जुलाई 2017

अजबो मीना और भागीरथ जाट

बडवाडी अजबो मीणा नि.जसाई जिला अलवर

जसाई गांव जिला अलवर के राठ अंचल के अजरका ,सोडावास ,शाहजहांपुर के पास है ।शाहजहांपुर से लगभग 12कि.मी .दूर है ।

जसाई गांव झूतरा गोत्र के जाटो का बसाया था इस गांव मे भागीरथ जाट नामक प्रसिद्ध चोधरी हुआ ।गांव का मीना चोकीदार अजबो मीना और भागीरथ जाट में घनिष्ट मित्रता थी .

अजबो और भागीरथ के समय जाट बहरोड मे नंदराम महलावत जाटहुए ।

  ताज खां को बास में उस समय रांगड मुसलमान वास करते थे ।रांगड मुसलमान राजपूत मूल के थे जिला अलवर की मंडावर तहसील में आजादी से पूर्व रांगड मुसलमानों के कई प्रसिद्ध गांव थे उनमे से ही एक ताज खा को बास था ।

किसी विवाद में ताजखा का बास के रांगड मुसलमान जाट बहरोड के नंदराम महलावत का सिर काट ले गए ।
जाट बहरोड के महलावत गोत्र के जाट  गोती भाईयो के गांव   बावल पहुंचे तथा नंदराम महलावत का सिर ताजखा का बास के रांगडो से लाने हेतु सहायता मांगी तो रांगडो के आंतक से भयभीत होकर मना कर दिया ।

भागीरथ का भाई जगराम जाट बहरोड मे रहता था उसके माध्यम से महलावत जाटो ने भागीरथ जाट से संपर्क किया ।महलावत जानते थे कि मीनाओ का सरदार अजबो मीना भागीरथ का मित्र है।

भागीरथ ने महलावत जाटो को आश्वस्त कर दिया कि वो अपने मित्र की सहायता से ताजखा के बास  के रांगडो के कब्जे से नंदराम महलावत का सिर  लाने मे  समर्पित भावना से सहयोग करेगा
भागीरथ जाट ने  अजबा मीणा के साथ  योजना बनाई अजबा ने अपने नजदीकी मीनो को भी दल मे शामिल किया ।
रात्रि को जाट बहरोड ,जसाई के जाट और  अजबा मीणा के मीणा दल ने ताज खा का बास के रांगडो पर चढाई करी इस युद्व मे अजबा मीणा एक रांगड का सिर काट लाया और योजना अनुसार सभी  जसाई गांव आ गए दसरे दिन समझोते में रांगड के सिर के बदले महलावत जाट का सिर वापिस लिया । उस युग मे अजबो मीणा को जाटो ने बडवाडी का खिताब प्रदान किया । जसाई के झूतरा जाट और महलावत जाटो मे भाई बंधी का रिश्ता कायम हुआ ।

इस क्षेत्र मे अजबो जैसे कई मीणो ने अपने मित्रो की संकट काल में सहायता करी इसी कारण इस क्षेत्र के मीना ओ को तीस चालीस बर्ष पूर्व तक बुजुर्ग जाट बडवाडी कहते थे ।बडवाडी -बडवारी का अर्थ श्रेष्ठ मित्र होता है ।

डा.प्रहलाद सिंह मीना दोसा

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