मंगलवार, 25 जुलाई 2017

राम एक नहीं है ।

राम एक नही अनेक

1 नाथ संप्रदाय के अंतर्गत रामनाथी पंथ है इस पंथ का प्रर्वतक राम कोन था ?

2ऋग्वेद मे बलवान दानी असुर राम  का उल्लेख मिलता है इस राम को नजरअंदाज किया गया है

3 एक राम से अयोध्या के राजा दशरथ का पुत्र था इससे हम सभी परिचित है ।

भील और मीना ओ के नामो मे राम शब्द बहुत पहले से जुडा हुआ है राम नारायण ,राम प्रताप ,रामलाल  ,रामकेश ,रामजीवन  ,जैसे नाम बहुत मिलते है भीलो मे 14वी शताब्दी मे रामा भील शासक हुआ था जिसके नाम पर मालवा मे रामपुरा  बसा है ।
एक राम दशरथ घर डोलै ,एक राम घर घर में बोलै।
एक राम। का सकल पसारा ,एक राम त्रिगुण से न्यारा ।।

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इका राम दशरथ घर डोले ,निराकार घर घर में बोले ।
बिंदुराम का सकल पसारा ,निरालंब सबसे ही प्यारा

राम शब्द रम धातु से बना है जो रमण सूचक है ।ग्राम का गोचर रामा कहलाता है जिसमे गाए रमण करती है ।योगी, भक्त  ईश्वर का ध्यान करके रमण करते है इसलिए ईश्वर को ही राम कहते। है ।

रामानंद जी के राम सर्वव्यापी ,चैतन्य एवं सर्व शक्तिशाली थे । इन्होने जात पात जैसी विषाक्त विचार धारा का परित्याग कर मनुष्य मात्र को अपने झंडे के नीचे आमंत्रित किया था ।भगवत प्रेम के सभी समान अधिकारी है -ऐसा ऐलान इन्होने बुलंद आवाज में किया। 
   श्री कबीर साहब ,श्री रैदास जी ,सदन कसाई ,गणिका वेश्या ,सोना बाई ,धना जाट आदि इनके मुख्य शिष्य थे ।

राम नाम के प्रसिद्ध कई महान पुरुष हुए है दशरथ पुत्र भगवान राम को कभी भी राम सिद्व नही  कहा जाता है जागा पोथीयो मे रामसिद्व का लेखन होता है जागा पोथी के प्रारम्भ मे रामसिद्व का लेखन शायद रामनाथी पंथ के राम का स्मरण है ।
भगवान राम तो वैदिक कर्मकांड को मानते थे इस कारण रामनाथ पंथ का प्रर्वतक वे नही हो सकते ।
   ऐसा प्रतीत होता है कि दानी बलवान असुर राम ही रामनाथ पंथ का प्रर्वतक था इस विषय में और शोध की जरूरत है ।

डा .प्रहलाद सिंह मीना दोसा

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