अंग्रेज़ी शासन काल में 1857के बाद मीना जनजाति का पतन शनै शनै बढता गया । अशिक्षा के कारण विगत गोरव को भूल गये और वर्ग भेदो में बट कर मीना जनजाति कमजोर हो गई । एक तरफ मीना जनजाति के एक वर्ग की स्वतंत्रता की भावना को दबाने के लिए उनको जुरायम पेशा घोषित कर दिया तो दूसरी तरफ गांवो में सामंतवादी लोग जुल्म और शोषण करने लगे ।
1947 से पूर्व राष्ट्रीय चेतना के आंदोलनो से प्रभावित होकर समाज के जागरूक लोगों में चेतना का संचरण हुआ । समाज के गत गोरव की स्थापना करने के लिए जाति सुधार ,जाति उत्थान के लिए जाति एकता का कार्य समाज के जागरूक लोगों ने किया । इन जागरूक समाज सेवको की सूची लम्बी है । चूँकि समाज में 12 की संख्या का विशेष महत्व रहा है इस लिए लंबी सूची में से 12 समाज सेवकों का चुनाव 1952के आसपास वातावरण बहुत बदल गया था ।लोकतंत्र मजबूत हो गया ।इस कारण 12प्रमुख विभूतियो के चयन में 1950केबाद समाज सेवा में जुडे समाज सेवको पर विचार नही किया जाना तर्कसंगत उचित हैं। 1988से लगातार मेरे द्वारा सामाजिक जानकारीया पुराने सामाजिक कार्यकर्ताओंसे जानकारीया जुटाई और पुराने रिकॉर्ड का संकलन मैंरेद्वारा किया ।कुछ भाईयो का आग्रह था कि सामाजिक कार्य कर्ता की लम्बी सूची में से 12विभूतियो का चयन कर उनके योगदान को समाज के सामने लाए। चयनित 12की सूची में मुझे जयपुर क्षेत्र के सामाजिक कार्य कर्ता मैं लक्ष्मीनारायण झरवाल के अतिरिक्त अन्य सामाजिक कार्य कर्ता औ में से एक और चयन करना उचित लगा उनमें धन्ना लाल जी ,रामबक्श सिहरा जमवारामगढ ,भंवर सिंह छाडवाल ,झूतालाल जी ,गुलाब चंद गोठवाल ,रामसहाय सिहरा ,भोरीलाल बडदावत में से एक का चयन करने पर मंथन करना पडा ।वैसे उपरोक्त जयंपुर के आसपास तक ही सीमित थे ।संतुलन की दृष्टि से इनमें से एक का चयन करना तर्कसंगत उचित लगा ।उपरोक्त मैं एक भी स्वतंत्रता सेनानी की श्रेणी का ज्ञात नहीं हुआ ।धन्नालाल जी ने 1935में मीणा क्षत्रिय सभा जमवारामगढ का गठनकिया था उस समय के वातावरण को देखकर उनकी पहल को ध्यान में रखकर ही उन का चयन किया ।
सामाजिक कार्य कर्ताऔ के सामाजिक कार्यो का तुलनात्मक मूल्यांकन करने पर 12प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं की निम्नाकित सूची सामने आती हैं ।
1-मुनि मगन सागर जी नि.उखलाना
गोत्र गोठवाल जिला टोक
2स्वतंत्रता सेनानी गणपत राम जी बगराणीया नि.नरहड जिला झुनझुनु
3नाजिम नारायण सिंह नोरा्वत नि.डग जिला झालावाड
4धन्नालालजी दे्वडवाल नि. नेवर खेडा जिला जयपुर ।
5महाशय छाजू सिंह जी कांवत नि.शाहजहापुर स्वतंत्रता सेनानी
6लक्ष्मी नारायण झरवाल स्वतंत्रता सेनानी जयपुर
7भैरूलाल जी कालाबादल स्वतंत्रता सेनानी जिला बारा
8भीमसिंह एडवोकेट स्वतंत्रतासेनानी भरतपुर
9 रामसिंह नोरावत नाजिम साहब के सुपुत्र इनके दूसरे भाई भगवान सिंह तरंगी भी अच्छे प्रभावशाली कार्यकर्ता थे।राष्ट्रीय स्तर पर मीना जाति को संगठित करने में रामसिह जी का महत्वपूर्ण योगदान था।
10बद्री प्रसाद दुखिया स्वतंत्रता सेनानी नि.शाहजहापुर
11अरीसाल सिंहमत्स्य स्वतंत्रता सेनानी कोटपूतली
12लाल सिंह रावत अजमेर पोखरिया गोत्र के रावत -रावत मीणा
अजमेर मेरवाडा के रावतो ,मेवाड ,ढूंढार ,हाडोती ,मालवा क्षेत्रो मैं मीना जाति की एकता का महान कार्य किया ।मेवाड केमीना समाज का नाम भी रावत -राजपूत हो जाता यदि लाल सिंह रावत कार्य नहीं करते ।टोडाभीम में भी इनकी अध्यक्षता में एक मीणा सम्मेलन 1937 में आयोजित हुआ था।
उपरोक्त सूची में पिता पुत्र का नाम उनके महान कार्यो के कारण ही आया हैं।शाहजहापुर के दुखिया जी के नाम से अधिकांश परिचित है उनके नाम के अलावा महाशय छाजूसिंह के नाम के चयन का आधार भी उनके महान कार्य हैं 1931के जमवारामगढ के सम्मेलन 1942के अजीजाबाद उ.प्र.1948के बडवा सम्मेलन और भी बहुत से सम्मेलनो मैं भाग लिया 1937से पूर्व बहुत से स्थानो पर समाज सुधार सभा गठित करवाई ।आप शाहजहापुर मीणा क्षत्रिय सभा के प्रचारक थे ।आर्य समाज शाहजहापुर के मंत्री थे ।आर्य समाज के बडे बडे क्रांतिकारी नेताओं से संपर्क था ।शाहजहापुर 1935से 1943तक मीणा जाग्रति का केन्द्र था ।ग्राम की दृष्टि से आकलन किया जाए तो सबसे अधिक सामाजिक कार्य कर्ता शाहजहापुर गांव के थे ।चोधरी दानसिंह सब इंसपेक्टर ,सूबेदार सामंत सिंह ,विधा प्रकाश आदि सामाजिक कार्य कर्ता थे ।अखिल भारतीय मीणा क्षत्रिय सभी का प्रधान कार्यलय भी शाहजहापुर मैं था ।
सूची निष्पक्षता से तैयार की हैं फिर भी कोई भी भाई सुझाव दे सकता हैं आवश्यकता हुई तो सशोधन भी किया जाना संभव हैं। उपरोक्त 12के अतिरिक्त अन्य सामाजिक कार्य कर्ता भीसम्मानीय हैं। 12विभूति के अन्तर्गत तो 12ही शामिल किए हैं इसलिए इस शीर्षक के अन्तर्गत अन्य का नाम छूटगए है यदि कोई भाई अन्य किसी को इस सूची मैं शामिल करवाना चाहता है तो साक्ष्य प्रस्तुत कर नाम बताए और यह भी बताए कि इनमें से किस नाम को निकाला जाए और क्यो?
.समाज के सभा सम्मेलनो मैं कभी कभी कुछ सामाजिक कार्य कर्ताऔ के नामो को उल्लेख करते हैं और जिन नामो का उल्लेख करते उनमें मैंने6माह पूर्व तक मुनि मगन सागर जी ,नोरावत जी आदि का तो नाम ही नहीं सुना ।युवा लोगो द्वारा जो स्वतंत्रता सेनानी नहीं उन्हें स्वतंत्रता सेनानी तक पोस्टो पर लिखा जाता हैं इससे अन्य का अपमान होता हैं समाज उत्थान का कार्य करने वाले सभी सामाजिक कार्य कर्ता हमारे लिए सम्मानीय हैं । किसी का कुछ लोगों द्वारा अतिशोयक्ति पूर्ण तरीके से बढा चढा कर लिखा या बोला जाता हैं और उससे अन्य का योगदान गोण होता हैं तो विश्लेषण वाछनीय हैं ।सामाजिक कार्य कर्ता एक मानव ही होता हैं अतः उसमें भी कुछ मानवीय कमी हो सकती हैं किसी एक कमी की वजह से हम उसके अन्य अच्छे कार्यो को नजर अंदाज़ नहीं कर सकते ।मुनि मगन सागर जी की उपेक्षा से मुझे बहुत ठेस लगी ।मेरी कई पोस्ट पर तथाकथित कई जागरूक लोगों ने भी नेगेटिव टिप्पणीया की इसको मैंनेउनकी अज्ञानता समझा।
समाज की आजादी के पूर्व की स्थिति का जिसे पता होगा वह सामाजिक कार्य कर्ताऔ के त्याग और सेवा का गुणगान करेगा ।स्वार्थी और ढोंगी लोग अपना ही गुणगान करते हैंउनको सामाजिक कार्यकर्ताओं का गुणगान महत्वहीन ही लगता हैं। आरक्षण की मलाई खाकर समाज के महत्वपूर्ण कार्य कर्ता को भूलना अपनो के प्रति अहसान फरामोशी हैं।
सूची में संशोधन के लिए कोई भी भाई विचार प्रकट कर सकता हैं परंतु पूर्वाग्रह और किसी बाद से दूर रह कर ही चर्चा करे।
संकलन कर्ता -डा.प्रहलाद सिंह मीना स्वतंत्र शोध कर्ता
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