सोमवार, 26 दिसंबर 2016

★धर्मदास चांदा का समाज प्रेम और त्याग ★


पचवारा क्षेत्र के आभानेरी गांव के पास धर्मदास का खेडा नामक स्थान हैं । 300वर्ष पूर्व धर्मदास चांदा धनाढय व्यक्ति था । उनके पास लगभग 1000 गाये थी। उनके समय एक बार  वामनवास के पटेलो ने अपने क्षेत्र का लगान नहीं चुकाया जिसके कारण जयपुर के दीवान रामचंद्र ने वामनवास के पटेलो को कैद कर लिया । बापस जयपुर लौटते समय रामचन्द्र ने धर्मदास के गांव के पास पडाव डाला । धर्मदास चांदा को मीणा पटेलो की कैद का पता चला तो उसने दीवान से मुलाकात करी तथा उसने लगान के बकाया 6000 से अधिक चांदी के झाडशाही रुपये दीवान को जमा कराये और  वामनवास के पटेल़ो को कैद से छुडा लिया  । 
      धर्मदास चांदा ने पटेलो से कहा कि तीन दिन में रकम की व्यवस्था हो जाए तो भिजवा देना , इसके बाद मैं नहीं लूंगा । पटेलों से तीन दिन मैं कर्जा नहीं चुका और धर्मदास का कर्जा आज भी वामनवास के ऊपर वकाया हैं । धर्मदास ने जाति प्रेम निभा कर उस जमाने की भारी रकम निस्वार्थ भावना से दीवान को देकर वामनवास का लगान चूकाया वह उसका त्याग ही था । आज वामनवास में  अधिकारीयो की बाहुल्यता हैं ,आर्थिक दृष्टि से भी संम्पन हैं वो चाहे तो  धर्मदास चांदा से प्रेरणा लेकर दूसरे क्षेत्र के गरीब लोगों की आर्थिक सहायता हैसीयत के अनुसार कर पूर्वजो  के कर्ज को चुका सकते है । केवल बामनवास के अधिकारी वर्ग ही नहीं बल्कि पूरे मीणा समाज के लिए प्रेरणा स्रोत है धर्मदास जी चांदा जिनसे हमें समाज हित में एक दूसरे के सहयोग की प्रेरणा मिलती है ।

        (इतिहास की खोज में  बुजुर्गों से उपरोक्त जानकारी मुझे प्राप्त हुई ।इस की पुष्टि के कुछ तथ्य भी मेरी जानकारी में है ।)
    . डा.प्रहलाद सिंह मीना  
9414334664 दोसा